कैंसर एक घातक बीमारी है। लेकिन जीवनशैली
में थोडी सी सावधानी बरती जाये तो इससे दूर भी रहा जा सकता है। अगर कैंसर
के लक्षण समय रहते दिखने लगे तो जरूरी उपाय करके इससे बचा जा सकता है। शरीर में विभिन्न प्रकार
के कैंसर हो सकते हैं जैसे- मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल
कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन कैंसर आदि। लेकिन अगर इसके लक्षणों का पता नहीं
चल पाता है तो आपके लिए कैंसर जानलेवा साबित हो सकता है।
1- पेशाब और शौच के समय आने वाला खून।
कैंसर के पांच बडे लक्षण
1- पेशाब और शौच के समय आने वाला खून।
2- खून की कमी जिससे एनीमिया हो जाता है, थकान और कमजोरी महसूस करना, तेज बुखार आना और बुखार का ठीक न होना।
3- खांसी के दौरान खून का आना, लंबे समय तक कफ आना, कफ के साथ म्यूकस आना।
4- स्तन में गांठ, माहवारी के दौरान अधिक स्राव होना।
5- कुछ निगलने में दिक्कत होना, गले में किसी प्रकार का गांठ होना, शरीर के किसी भी भाग में गांठ या सूजन होना।
प्रमुख कैंसर और उनके लक्षण
स्तन कैंसर :
अधिक प्रसव व शिशु को स्तनपान न कराने से स्तन कैंसर होता है। डिंबग्रंथि (ओवरी) से उत्सर्जित हार्मोन भी इसको पैदा करते हैं।
गर्भाशय का कैंसर :
छोटी उम्र में विवाह, अधिक प्रसव, संसर्ग
के दौरान रोग, प्रसव के दौरान गर्भाशय में किसी प्रकार का घाव होना और वह
ठीक होने से पहले गर्भधारण हो जाए तो 40 की उम्र के बाद गर्भाशय का कैंसर
होने का खतरा रहता है। मीनोपॉज के बाद रक्तस्राव होना, और दुर्गंध आना,
पैरों व कमर में दर्द रहना इसके लक्षण हैं।
रक्त कैंसर (ल्यूकेमिआ) :
एक्सरे और विकिरण प्रणाली से किरणें यदि
शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाएं तो अस्थियों को प्रभावित करती हैं, जिससे
उसके अन्दर खून के सेल्स भी प्रभावित होते हैं। मुख से खून निकलना, जोड़ों व
हडि्डयों में दर्द, बुखारा का लगातार कई दिनों तक बना रहना, डायरिया होना,
प्लीहा व लसिका ग्रंथियों के आकार में वृद्धि होना, सांस लेने में दिक्कत
होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
मुख का कैंसर :
तंबाकू सेवन मुख व गले के कैंसर का मुख्य
कारण है। मुख के भीतर कोई गांठ, घाव या पित्त बन जाना, मुंह में सफेद दाग,
लार टपकना, बदबू आना, मुंह खोलने, बोलने व निगलने में दिक्कत होना इसके
लक्षण हैं।
लंग कैंसर :
हल्की निरंतर खांसी आना, खांसी के साथ खून आना, आवाज में बदलाव आना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं।
आमाशय का कैंसर :
पेट में दर्द, भूख बहुत कम आना, कभी-कभी
खून की उल्टी होना, खून की कमी। पतले दस्त, शौच के समय केवल खून निकलना,
आंतों में गांठ की वजह से शौच न होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
सर्वाइकल कैंसर :
इसके फैलने के बाद रक्त-सामान या मलिन
योनिक स्राव उत्पन्न करता है जो कि संभोग या असामान्य रक्त स्राव के बाद
नजर आता है। सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक अवस्थाएं पीडा, भूख की कमी, वजन
का गिरना और अनीमिया उत्पन्न करती हैं।
ब्रेन कैंसर :
ब्रेन कैंसर
में मस्तिष्क या स्पाइनल कॉर्ड में गांठ होती है जिससे चक्कार आना, उल्टी
होना, भूलना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। ( न्यूज़ ओन्ली माई हैल्थ)
लावण्य मैं कैंसर के २०००० से ज्यादा मरीज़ का सफलतापूर्वक इलाज़ हुआ ।
No comments:
Post a Comment