
इबोला के लक्षण फ्लू से काफी मिलते जुलते हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह ज्यादा प्रभावित भी कर सकता है। जैसे की आंखों और कानों से खून का निकलना, मसूरे से खून निकलना, जबकि कुछ लोग अति कमजोर हो सकते हैं। वहीं, इससे प्रभावित लोगों को बहुत जल्दी थकान घेर लेती है।
इबोला के लक्षण :
वायरस से संपर्क में आने के 4 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं।
पहले 1 से 3 दिनों में कमजोरी और फ्लू जैसे लक्षण होते हैं।
4 से 7 दिनों में डाइरिया, उल्टी होना, सिरदर्द, रक्तचाप कम होना और अनेमिया से ग्रसित होना।
जबकि 7-10 दिनों के अंदर आंतरिक और आंखों, कानों से खून का निकलना, कोमा में जाना।
क्या करता है यह वायरस ?
इबोला वायरस जैसे ही किसी शरीर के संपर्क में आता है, यह शरीर के कोशिकाओं में घुस जाता है और खुद को कई गुणा बढ़ाता जाता है। कई गुणा बढ़ने का बाद ये सारे वायरस निकल कोशिकाओं से निकल जाते हैं और फिर एक प्रकार की प्रोटीन को उत्पन्न करते हैं। जिससे शरीर के अंदर यह पूरी तरह से तबाही मचा देता है। इबोला व्यकित के इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित करता हैं। यह इम्यून कोशिकाओं में घुस कर शरीर के विभिन्न भाग में चला जाता है। जैसे कि लीवर, गुर्दा और मस्तिष्क। यह शरीर की प्रतिरक्षक क्षमता को कम करता जाता है। इबोला वायरस का हमला करना और गुणा होने की क्षमता बहुत ही तीव्र गति से होती है। जिसका परिणाम फ्लू जैसे लक्षण की तरह हमारे सामने आता है।
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